केंद्रीय मंत्री सुभाष सरकार को उनकी ही पार्टी के लोगों ने पश्चिम बंगाल में भाजपा कार्यालय में बंद कर दिया
पश्चिम बंगाल के बांकुरा शहर में पार्टी कार्यालय के अंदर दो गुटों के बीच लड़ाई के बाद केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार को उनकी ही पार्टी के लोगों ने लगभग दो घंटे तक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यालय के एक कमरे में बंद कर दिया। सरकार को पुलिस को बचाना पड़ा।

केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री सुभाष सरकार मंगलवार (12 सितंबर) को पश्चिम बंगाल के बांकुरा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यालय में पार्टी के भीतर दो गुटों के बीच लड़ाई के बाद लगभग दो घंटे तक बंद रखा गया.
बांकुरा के सांसद सरकार मंगलवार सुबह एक बैठक लेने के लिए जिले के दौरे पर थे.
एनडीटीवी के अनुसार, पार्टी के कुछ सदस्यों ने सरकार पर जिला इकाई को चलाने में तानाशाही रवैया बरतने का आरोप लगाया था.
विरोध करने वाले एक कार्यकर्ता मोहित शर्मा ने कहा कि वह ‘पार्टी को बचाने के लिए प्रदर्शन’ कर रहे थे. शर्मा ने कहा, ‘इस बार, भाजपा को उनकी (सरकार की) अक्षमता के कारण बांकुरा नगर पालिका में कोई सीट नहीं मिली. पिछले चुनाव में भाजपा ने दो वार्ड जीते थे. वे पंचायत की कई सीटों पर उम्मीदवार नहीं उतार सके. यह शर्म की बात है. ‘
तृणमूल कांग्रेस ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बंगाल भाजपा टूट रही है क्योंकि अंदरूनी कलह चरम पर पहुंच रही है.
With each passing day, @BJP4Bengal is crumbling as infighting is reaching its peak!
— All India Trinamool Congress (@AITCofficial) September 12, 2023
In Bankura, vehement clashes erupted, & BJP workers locked Union Minister Subhas Sarkar in the party office.
While unity within the party is a myth, BJP is truly a shining example of a weak… pic.twitter.com/Tu90BpQSZ7
द हिंदू के मुताबिक, इस बीच मालदा उत्तर के सांसद खगेन मुर्मू को भी मालदा जिले की रतुआ विधानसभा सीट के अंतर्गत महानंदटोला ग्राम पंचायत में विरोध का सामना करना पड़ा, हालांकि उनके खिलाफ विरोध करने वाले लोग भाजपा कार्यकर्ता नहीं थे.
क्षेत्र में गंगा के किनारे कटाव के कारण विस्थापित हुए ग्रामीण पुनर्वास की मांग कर रहे थे और केंद्र सरकार पर उनकी मदद के लिए कोई प्रयास न करने का आरोप लगाया.
रतुआ विधानसभा से तृणमूल कांग्रेस के विधायक समर मुखर्जी ने कहा कि केंद्र सरकार ने अपने वादे पूरे नहीं किए हैं. मुखर्जी ने आरोप लगाया, ‘कटाव झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल के बड़े हिस्से में होता है. जब फरक्का बैराज का निर्माण किया गया था, तो इसे अपस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम दोनों में नदी के कटाव को रोकने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, लेकिन केंद्र सरकार की संस्था ने अपनी प्रतिबद्धता पूरी नहीं की.’
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