रेलवे अधिकारी के बंगले पर सीबीआई छापे के बाद सन्नाटा, शिकायत करने वाला भी क्रिमिनल
पूर्वोत्तर रेलवे के एक अधिकारी के बंगले पर सीबीआई की रेड पड़ने के बाद से रेलवे कैंपस में हर जगह सन्नाटा छाया हुआ है। लोग इसको लेकर आपस में तरह-तरह की बातें कर रहे हैं, लेकिन कोई मीडिया से कुछ भी कहने को तैयार नहीं। इस पूरे मामले में नया ट्विस्ट सामने आया है। पता चला है कि शिकायतकर्ता प्रणव त्रिपाठी खुद एक मामले में जेल जा चुका है। रंगदारी के मामले में पुलिस ने उसे पहले गिरफ्तार किया था। आरोप है कि उसने एक दारोगा से मिलकर प्रतिष्ठित डॉक्टर से रंगदारी मांगे थी।

सीबीआई की एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम के लौटने के बाद बृहस्पतिवार को रेलवे के सभी दफ्तरों में सामान्य दिनों की तरह कामकाज होने लगा।
हालांकि, अब भी दहशत बरकरार है। अफसरों को डर है कि कहीं उनके भी मोबाइल फोन सर्विलांस पर तो नहीं लगाए गए हैं। दफ्तरों में इस घटना को लेकर तरह-तरह की चर्चा होती रही। रेल कर्मियों के बीच चर्चा रही कि पूर्वोत्तर रेलवे के प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक केसी जोशी के खिलाफ जांच के बाद ही सही तथ्य सामने आएंगे। जोशी का क्या बोलें...यहां दाल में काला नहीं, पूरी दाल ही काली निकल गई..।
मंगलवार को सीबीआई की एंटी करप्शन ब्यूरो की दो टीमें लखनऊ से गोरखपुर आई थीं। यह टीम प्रणव त्रिपाठी की शिकायत पर आई थी। एक टीम पूर्वोत्तर रेलवे के प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक केसी जोशी को अपने साथ ले गई थी। वहीं, दूसरी टीम ने बुधवार को भी कार्यालयों की जांच कर कई अभिलेख कब्जे में लिए कुछ कर्मचारियों से पूछताछ भी हुई थी।
इसके चलते बुधवार को कर्मचारी सहमे हुए थे। टीम पूछताछ के बाद लौट गई। बृहस्पतिवार को रेलवे के सभी दफ्तरों का कामकाज सामान्य रहा। कर्मचारियों में प्रकरण को लेकर चर्चा तो थी, लेकिन साथ में दो दिन के बकाया काम का दबाव भी था। वहीं वरिष्ठ अफसर इस पूरे मामले पर तीसरे दिन भी चुप्पी साधे रहे।