Goa: गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत बोले- राज्य में प्रवासी मजदूरों की वजह से होते हैं 90 फीसदी अपराध

गोवा में बढ़ते क्राइम मामले पर मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने बड़ी बात कही है. सोमवार को पंजिम के श्रम शक्ति भवन में आयोजित मजदूर दिवस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत कहा कि गोवा में अधिकतम अपराध प्रवासी मजदूरों द्वारा किए जाते हैं, और उन्होंने ठेकेदारों और नियोक्ताओं से अपील की कि वे राज्य में काम करने से पहले एक श्रम कार्ड प्राप्त करें. उन्होंने कहा, ‘गोवा में काम करने वाले हर प्रवासी मजदूर के पास मजदूर कार्ड होना चाहिए. हमने बजट में लेबर कार्ड देने का वादा किया था. यहां अपराध करने के बाद प्रवासी मजदूर अपने राज्य लौट जाते हैं और उन्हें पकड़ना मुश्किल हो जाता है. अनुपात देखा जाए तो अधिकतम गोवा में 90% अपराध प्रवासी मजदूरों द्वारा किए जाते हैं. चाहे वह बिहार, उत्तर प्रदेश या अन्य क्षेत्रों से हो. मैं उसके विवरण में नहीं जा रहा हूं.’

Goa: गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत बोले- राज्य में प्रवासी मजदूरों की वजह से होते हैं 90 फीसदी अपराध

गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने राज्य में बढ़ रहे अपराधों को लेकर एक अजीबो-गरीब बयान दिया है। उन्होंने दावा किया है कि राज्य में लगभग 90 प्रतिशत अपराध बिहार, उत्तर प्रदेश और अन्य क्षेत्रों के प्रवासी मजदूरों द्वारा किए जाते हैं। प्रमोद सावंत ने कहा है कि प्रवासी मजदूर राज्य का लेबर कार्ड जरूर बनवाएं। 

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, पंजिम के श्रम शक्ति भवन में आयोजित मजदूर दिवस कार्यक्रम में सावंत ने कहा, ‘गोवा में काम करने वाले हर प्रवासी मजदूर के पास लेबर कार्ड होना चाहिए। हमने बजट में लेबर कार्ड देने का वादा किया था। यहां अपराध करने के बाद प्रवासी मजदूर अपने राज्य लौट जाते हैं और उन्हें पकड़ना मुश्किल हो जाता है। अनुपात देखा जाए तो… अधिकतम… गोवा में 90% अपराध प्रवासी मजदूरों द्वारा किए जाते हैं। चाहे वह बिहार, उत्तर प्रदेश या अन्य क्षेत्रों से हो। मैं उसके विवरण में नहीं जा रहा हूं।’

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी मजदूरों को कार्ड जारी करना सुनिश्चित करने के लिए दो एनजीओ को साथ लाया गया है। उन्होंने कहा, ‘सुविधाएं जल्द ही ऑनलाइन उपलब्ध कराई जाएंगी।’

सावंत ने कहा कि एक बार जब प्रवासी मजदूर श्रम विभाग के साथ पंजीकृत हो जाते हैं, तो सरकार के पास उनके संबंधित पते का एक डेटाबेस होगा और यदि आवश्यक हो तो यह पुलिस को जांच करने या किसी भी मामले को ट्रैक करने में मदद कर सकता है।

उन्होंने कहा कि उन्होंने श्रम आयोग को श्रमिक समुदाय की बेहतरी और उत्थान के लिए कल्याणकारी कोष का उपयोग करने का निर्देश दिया है।

गौरतलब है कि इसी साल मार्च में उत्तरी गोवा के एक रिसॉर्ट के 27 वर्षीय कर्मचारी, जो उत्तराखंड से था, को एक डच महिला पर्यटक के साथ छेड़छाड़ और छुरा घोंपने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद सावंत ने सभी होटलों को उनके कर्मचारियों के लिए ‘गोवा लेबर कार्ड’ लेने का निर्देश दिया था। साथ ही, मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों को नियुक्त करने से पहले होटलों को किसी भी आपराधिक पृष्ठभूमि की गहन जांच करने का भी निर्देश दिया था।

मार्च में राज्य में होटल कर्मचारियों द्वारा विदेशी नागरिकों पर हमला करने की दो कथित घटनाओं के बाद पर्यटन मंत्री रोहन खुंटे ने कहा था कि होटल और रिसॉर्ट में श्रमिकों, विशेष रूप से राज्य के बाहर के लोगों को रखने वालों का पुलिस वेरिफिकेशन किया जाएगा।

जागरण के अनुसार, सावंत ने आगे कहा कि सभी मजदूरों को कार्ड जारी करने के लिए राज्य सरकार ने दो गैर सरकारी संगठनों (NGO) को शामिल किया है। मुख्यमंत्री ने जानकारी देते हुए कहा कि मजदूरों को कार्ड के लिए नामांकन की सुविधा जल्द ही ऑनलाइन कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि एक बार सभी मजदूरों को कार्ड जारी कर दिए जाने के बाद डेटाबेस तक पहुंचना आसान हो जाएगा। सावंत ने कहा, 'इससे पुलिस को मामलों की जांच करने और उन्हें ट्रैक करने में भी मदद मिलेगी।'

न्यूज18 के अनुसार, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा प्रकाशित प्रिज़न स्टैटिस्टिक्स इंडिया 2021 रिपोर्ट में, 31 दिसंबर तक गोवा की जेलों में बंद 70 दोषियों में से 43 राज्य के थे, जबकि 19 अन्य राज्यों के थे जबकि 8 विदेशी नागरिक थे. रिपोर्ट के अनुसार, गोवा में कुल 481 विचाराधीन कैदियों में से 227 राज्य के, 193 अन्य राज्यों के और 61 विदेशी नागरिक थे। 

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