मेघालय सरकार पर अमित शाह के लगाए भ्रष्टाचार के आरोपों पर कांग्रेस ने सीबीआई को पत्र लिखा

बीते दिनों संपन्न हुए विधानसभा चुनाव से पहले मेघालय की नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) सरकार के खिलाफ गृह मंत्री द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर सीबीआई को पत्र भेजा है।

मेघालय सरकार पर अमित शाह के लगाए भ्रष्टाचार के आरोपों पर कांग्रेस ने सीबीआई को पत्र लिखा
मित शाह. (फोटो साभार: फेसबुक/@amitshahofficial)

बीते दिनों संपन्न हुए विधानसभा चुनाव से पहले मेघालय की नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) सरकार के खिलाफ गृह मंत्री द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर सीबीआई को पत्र भेजा है।

दवायर ने लिखा है कि, इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, पत्र में पार्टी की ओर से सीबीआई को इन आरोपों के बारे में जानकारी इकट्ठा करने के लिए गृह मंत्री अमित शाह को ‘समन’ करने के लिए कहा गया है।

सीबीआई निदेशक सुबोध कुमार जायसवाल को 21 मार्च को लिखे पत्र में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि शाह से पूछताछ करना जरूरी था क्योंकि ‘कुछ समझाए न जा सकने वाले कारणों के चलते’ वे (शाह) उस सूचना पर कार्रवाई करने में ‘असफल’ रहे, जिसके आधार पर उन्होंने यह आरोप लगाए थे।

अपने पत्र में रमेश ने कहा कि शाह ने 17 फरवरी 2023 को एक रैली के दौरान मेघालय की एनपीपी सरकार को ‘देश की सबसे भ्रष्ट सरकार’ करार दिया था। बता दें कि विधानसभा चुनाव में एनपीपी इस बार फिर विजयी हुई है और सत्तारूढ़ गठबंधन में भाजपा भी शामिल है।

रमेश ने लिखा, ‘गृह मंत्री के तौर निश्चित रूप से उनकी पहुंच उन जानकारियों और तथ्यों तक होगी, जिससे वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे। कुछ न बताई जाने वाली वजहों से गृह मंत्री, जो भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं, तत्कालीन मेघालय सरकार के भ्रष्ट आचरण और कृत्यों के बारे में मिली जानकारी को लेकर कार्रवाई करने में विफल रहे हैं।’

रमेश में जोड़ा, ‘इसलिए देश के हित में हम आपको श्री अमित शाह को बुलाने और उन सभी दावों और तथ्यों को पेश करने तथा उनकी जांच करने की गुजारिश करते हैं, जिनके आधार पर उन्होंने इस मामले को उठाया।’

उल्लेखनीय है कि यह कदम कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को श्रीनगर में उनकी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान कथित यौन उत्पीड़न का शिकार हुई महिलाओं के संबंध में दिए गए बयान को लेकर दिल्ली पुलिस द्वारा नोटिस दिए जाने के बाद उठाया गया है। इस मामले को लेकर दिल्ली पुलिस गांधी के आवास पर भी पहुंची थी, जिसे विपक्षी दलों ने ‘धमकाने’ और प्रतिशोध की कार्रवाई’ कहा था।

इस नोटिस का जवाब देते हुए राहुल गांधी ने पुलिस कार्रवाई को ‘अभूतपूर्व’ बताया था और सवाल किया था कि कहीं इसका संबंध उनके द्वारा संसद के भीतर और बाहर अडानी विवाद को लेकर अपनाए गए रवैये से तो नहीं है।

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